Wednesday, November 12, 2008

जल्द ही पता लगा लें बच्चों में विकलांगता का...

जन्म से ही बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास पर ध्यान देकर बच्चे को विकलांगता से बचाया जा सकता है।
बच्चा जब इस दुनिया में आता है तो उसके आगमन की प्रतीक्षा कर रहे परिजनों और रिश्तेदारों के लिए ढेर सारी खुशियाँ लेकर आता है। लेकिन कुछ परिवारों में ये खुशियाँ ज्यादा समय तक नहीं टिक पाती हैं। आनुवांशिक कारणों, जन्म के पहले या जन्म के समय हुई किसी भी प्रकार की अनियमितता, शारीरिक या मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न होने से बच्चा शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांगता का शिकार हो जाता है। ऐसी स्थिति में अभिभावकों के सारे सपने ताश के पत्तों की तरह धराशायी हो जाते हैं और सामने होती है बच्चे के भविष्य से जुड़ी हुई ढेर सारी चिंताएँ। इसलिए जन्म से ही बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास पर ध्यान देकर बच्चे को विकलांगता से बचाया जा सकता है। यदि बाल्यकाल में विकलांगता की पहचान हो जाए तो बच्चे में बची हुई क्षमताओं का उपयोग कर उसे समर्थ बनाने में आसानी होती है। बच्चे में विकास के क्या मानदंड हैं तथा उनमें कमी होने पर क्या किया जाना चाहिए। इसके लिए जन्म से ही बच्चे की गतिविधियों को अभिभावक ध्यान से देखें जिससे बच्चे का पूर्ण विकास समय पर हो सके। क्या आपका बच्चा यह सामान्य हरकतें करता है?
दृष्टि का विकास
* जन्म से 3 माह की आयु तक-
- बच्चे के सामने कोई भी चीज घुमाएँ तो बच्चा आँखें घुमाता है या उसे पकड़ना चाहता है।
- अपने हाथों के साथ खेलता है।
* 3 से 6 माह की आयु तक-
- भोजन ग्रहण करते या खेलते समय माँ की आँखों से आँखें मिलाता है।
- आसपास की चीजों को, उसके आसपास में ही रही हलचल को ध्यान से देखता है।
* 18 माह से अधिक-
- चित्रों की रंगीन किताबें, खिलौने आदि को रुचि से देखता है।
- गेंद फेंकने, पकड़ने, पीछे दौड़ने की कोशिश करता है।
शारीरिक विकास
* जन्म से 3 माह की आयु तक-
- परिचित लोगों को देखकर मुस्कुराता है।
* 3 से 6 माह तक की आयु तक-
- अपनी गर्दन उठाकर स्थिर रख सकता है।
* 6 से 9 माह तक की आयु-
- बिना सहायता से बैठ सकता है।
* 9 से 18 माह तक की आयु-
- पहले सहायता से, फिर बिना सहायता से खड़ा रहता है।
- चलना शुरू करता है।
* 18 माह से अधिक-
- अपने आप चलने लगता है।
- अपने आप खाने-पीने लगता है।
सुनने की क्षमता का विकास
* जन्म से 3 माह तक की आयु तक-
- सोया हुआ बच्चा जोर की आवाज से जागता है।
* 3 से 6 माह तक की आयु तक-
- वह माँ की आवाज पहचानता है।
- बात करने पर बच्चा मुस्कुराता है।
* 6 से 9 माह तक की आयु-
- अच्छी और नई आवाज सुनना उसे अच्छा लगता है।
- आवाज की तरफ सिर घुमाता है।
* 9 से 18 माह तक की आयु-
- नहीं, रुको। जैसे शब्दों को समझता है।
- मुँह खोलो, पंखा दिखाओ जैसे शब्दों पर प्रतिक्रिया करता है।
* 6 से 9 माह तक की आयु-
- खिलौनों, वस्तुओं व परिवारजनों के बीच होने वाले अंतर को पहचानना शुरू कर देता है।
- छोटी वस्तुएँ खिलौने उठाने लगता है।
* 9 से 18 माह तक की आयु-
- बिना टकराए घर में आसपास चलने लगता है।
- थोड़ी दूरी पर रखी हुई चीज पकड़ सकता है।
- भाषा की समझ तेजी से बढ़ती है।
बोलने की क्षमता का विकास-
* जन्म से 3 माह की आयु तक-
- मुँह से ग...ग... ग...जैसी आवाज निकालकर आनंद लेता है।
* 3 से 6 माह की आयु तक-
- दा...दा...दा... ऐसी आवाज लगातार निकालता रहता है।
- उसके साथ बातें करने पर प्रतिक्रिया दर्शाता है।
* 6 से 9 माह तक की आयु-
- दूसरों की आवाज की नकल करने की कोशिश करता है।
- वह खुश है या गुस्से में है यह उसकी आवाज से पता चलने लगता है।
* 9 से 18 माह की आयु-
- किसी का ध्यान आकर्षित करने के लिए आवाज का इस्तेमाल करता है।
- सैकड़ों अर्थपूर्ण शब्द बोलता है।
* 18 माह से अधिक-
- बहुत बोलने लगता है।
- छोटे-छोटे वाक्य बोलने लगता है।
ध्यान दें-
अगर आपको लगता है कि बच्चे का विकास ऊपर दिए हुए विकास के मानकों से मेल नहीं करता, तो उसे तुरंत जाँच की आवश्यकता है। हर वह बच्चा जिसकी जाँच की जाती है विकलांग नहीं पाया जाता है। अगर किसी बच्चे का विकास अन्य बच्चों के विकास की तुलना में कम हुआ है तो उसके विकलांग होने की संभावना जरूर होती है।
इन सवालों के जवाब खोजें-
* क्या बच्चा हल्की या दूर से की गई आवाज को सुन पाता है? * जब आप उससे बात करते हैं तो क्या वह हमेशा आपके चेहरे की ओर देखना चाहता है या देखता है? * क्या उसकी आवाज अस्वाभाविक या दूसरे बच्चों से अलग है? * क्या तीन माह की आयु तक उसका बोलना शुरू नहीं हुआ है या फिर वह अस्पष्ट बोलता है? * कुछ सीखने, समझने, निर्णय लेने में उसे देर लगती है? * क्या उसकी आँखों तथा हाथों में समन्वय की कमी है। * क्या वह आँखें या कान खुजलाता रहता है? * क्या उसकी आँखें या कान बहते रहते हैं? * क्या ज्यादातर वह एक आँख या एक कान इस्तेमाल करता है? *क्या कोई भी चीज देखने के लिए बच्चा वह चीज आँख के नजदीक पकड़ता है? *क्या उसे कूबड़ है? *उसके हाथ-पैर नहीं हैं या शक्तिहीन, टेढ़े अलग हैं या सामान्य बच्चे से भिन्न हैं?
अगर इसमें से एक भी सवाल का जवाब हाँ में है, तो बच्चे को शीघ्र जाँच की जरूरत है। उसे विशेषज्ञ, डॉक्टर जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र सरकारी या गैर सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र ले जाएँ...! तुरंत!!

5 comments:

बाल भवन जबलपुर said...

Good & nice blog

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

jee saheb. narayan narayan

Amit K Sagar said...

ब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है. खूब लिखें, खूब पढ़ें, स्वच्छ समाज का रूप धरें, बुराई को मिटायें, अच्छाई जगत को सिखाएं...खूब लिखें-लिखायें...
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आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं.
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अमित के. सागर
(उल्टा तीर)

रचना गौड़ ’भारती’ said...

Good knowledge
आपने बहुत अच्छा लिखा है ।
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

Unknown said...

Dear and Mr. Sir Good Morning !

We glad to know that someone is there who cares the child and human beings. We also are these types of persons and want to help the needy with our efforts as we can.

"God is watching everything and he will bless you soon"

Thanks and Regards
Lokesh and Prem
Fazilka (PUNJAB)152123
9417934935
8054266983